मेरा देश, मित्र देश, और देश के विरोधी। ये एक ऐसा तिकड़ी हैं जो मेरे पहले भी था, मेरे साथ भी हैं और मेरे बाद भी रहेगा। अगले 500 वर्षों में मुझे कोई याद नहीं रखेगा लेकिन मेरा देश, मित्र देश और देश के विरोधी तब भी देशवासियों के दिल और दिमाग में बसे रहेंगे। बस यही इच्छा है की मेरे रहते मेरे देश में 100 नये विश्वविद्यालयों का संचालन शुरू हो जाये जिससे देश का ऐश्वर्य बढ़े और मेरे देशवासियों को graduation, post-graduation, और P.hd करने के लिये बेहतर माहौल प्राप्त हो सके। इन विश्वविद्यालयों को और सुविधाओं से जोड़ने के लिये अच्छे सड़कों की आवश्यकता होगी जिस पर बेहतरीन वाहन चलेंगे। ये सपना और होना तभी संभव हैं जब मेरे देश में कारोबार को बढ़ावा मिलेगा। आज मेरे देश में 4000 करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हो गया। कारोबार को मुनाफे की तरफ बढ़ा कर ही कोई कार्य कर पाना संभव होगा। जब मेरे देश का ऐश्वर्य बढ़ेगा तब देश के विरोधी उसका टांग खिचने की कोसिस करेंगे लेकिन मित्र देश को इससे लाभ होगा और देशवासियों का जीवन स्तर उँचा होगा। बस मेरे देश का ऐश्वर्य उसके धाम जैसा हो और देश का नेतृत्व उसकी तरह जिससे अधिकांश लोग प्रेम करते हैं। धन्यवाद श्री कृष्ण, धन्यवाद श्री अर्जुन।