शादी-विवाह का माहौल बना हुआ हैं मित्र देशों में। खान-पान, सजावट, और स्वागत वगैरह कार्यक्रम को सम्पूर्ण करने में कई लाख करोड़ रुपये का खर्च आ चुका हैं। कही बारात जा रहा हैं तो कही से बारात या रहा हैं। अलग-अलग देशों में अलग-अलग व्यवस्था हैं। कही खाने में वेज, नॉन-वेज दो हैं, तो कही सिर्फ वेज हैं। कही गाना DJ में बज रहा हैं तो कही गायक को बुलाया गया हैं। कही सिर्फ गिने चुने देशों को बुलाया गया हैं, तो कही हर देश को आमंत्रण हैं। इस प्रकार कई लाख करोड़ रुपये खर्च करने से मित्र देश के ऐश्वर्य में वृद्धि हो रहा हैं। मेरे देश ने भी मित्र देशों के ऐश्वर्य में अपनी उपस्थिति दर्ज कराया हैं। हाला की मेरे देश में कारोबार में मंदी चल रहा हैं। जहाँ कभी कई लाख करोड़ रुपये का कारोबार होता था वहाँ अभी कुछ हजार करोड़ का ही कारोबार हो पा रहा हैं। उम्मीद हैं की मेरा देश इस मंदी से साहस के साथ पार हो पाएगा, जिससे देशवासियों पर खर्च कर देश के ऐश्वर्य को बढ़ाने वाले कार्यक्रम को चालू रखा जा सके। मेरे देश के ऐश्वर्य को बढ़ाने के लिये पहला कार्य देशवासियों के निवास स्थान का व्यवस्था करना हैं जिससे मेरे देश के देशवासियों का जीवन स्तर उँचा हो और वे अपने तन-मन-धन से मेरे देश के ऐश्वर्य में योग दान दे सके। इस कार्य में कई लाख करोड़ रुपये लगने का अनुमान हैं। धन्यवाद श्री कृष्ण, धन्यवाद श्री अर्जुन।