देशवासियों को समोसा खिलाने में 20 करोड़, grooming कराने में 100 करोड़ और यातायात में 25 करोड़ रुपये खर्च हो गए वो भी सिर्फ एक दिन में। मेरे देश में इस तरह के खर्चे प्रेम, शांति, और आभार बनाने के लिये प्रतिदिन होंगे और ये खर्चे जरूरी भी हैं लेकिन ये सोचने की बात हैं की इतने सारे रुपये आएंगे कहा से। अभी के लिये मेरे देश में शिक्षा के क्षेत्र से 4000 करोड़ की मासिक आमदनी हैं और pharma के क्षेत्र में कुछ हजार करोड़ प्रतिदिन का कारोबार हैं। इतना काफी नहीं हैं मेरे देश के ऐश्वर्य को बढ़ाने के लिये। यातायात, निवास, निर्माण और अच्छा जीवन स्तर बनाये रखने के लिये लाखों करोड़ रुपये का खर्च हैं। कई हजार करोड़ का कारोबार भी मेरे देश के ऐश्वर्य में ऊँट के मुंह में जीरा जैसे हैं। मेरे देश के ऐश्वर्य को बढ़ाने के लिये देश की सरकार, देश के नेतृत्व और देशवासियों के अपने-अपने प्लान हैं, जिनमें कई लाख करोड़ का निवेश चाहिए। विश्वविद्यालयों के निर्माण, कारखानों के निर्माण, और यातायात के लिये वाहनों पर होने वाले खर्च के लिये कई करोड़ करोड़ कहा से आएंगे? मेरे देश में शिक्षा और pharma के कारोबार को बढ़ा कर ही मेरे देश के ऐश्वर्य में योगदान देना पहला कदम होगा। कारोबार को बढ़ावा दे कर ही बड़े और ऐश्वर्यवान प्रोजेक्ट को पूरा किया जा सकता हैं। धन्यवाद श्री कृष्ण, धन्यवाद श्री अर्जुन।