जहाँ स्वच्छता हैं वही स्वर्ग हैं और वही उसका वाश हैं। मेरे देश के घरों, दुकानों और विश्वविद्यालयों में स्वच्छता का पूरा ख्याल रख कर ही हम समृद्धि के पहले पायदान पर चढ़ सकते हैं। शरीर के ऐश्वर्य के लिये भोजन जितना जरूरी है उतना ही जरूरी स्वच्छता मेरे देश के ऐश्वर्य के लिये हैं। जब घर का हर एक कोना, दुकान का हर एक समान, और शहर का हर एक सड़क अस्पताल जैसा साफ होगा तब हमारे देश का ऐश्वर्य देखते ही बनेगा। इसके लिये देश की सरकार और देश के नेतृत्व को सभी देशवासियों के योगदान की आवश्यकता होगा। धन्यवाद श्री कृष्ण, धन्यवाद श्री अर्जुन।