देश में कई गुट बन गये हैं जो मन मानी कर रहे हैं। धैर्य और अनुशासन तो सब भूल ही गये हैं जैसे। हर तरफ अराजकता फैला हुए है। संत-महात्माओं के आदेश का अवहेलना करने में ये सभी गुट जरा सा भी संकोच नहीं करते हैं। ये सभी गुट अपने ताकत का उपयोग कर अपना उल्लू सीधा करने में लगे हैं। इन सब के चलते देश के ऐश्वर्य और कार्य करने की क्षमता पर गहरा प्रभाव पड़ रहा हैं। देश की उन्नति और ऐश्वर्य के लिये इन गुटों की ताकत को छिन्न-भिन्न होना होगा और सभी गुटों को उसके देश के अतुलनीय ऐश्वर्य और अभेद सुरक्षा के लिये तत्परता से कार्य करना होगा। तब कही जा कर उसके देश में प्रेम, शांति, और कृतज्ञता का वातावरण बनेगा। धन्यवाद श्री कृष्ण, धन्यवाद श्री अर्जुन।